दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन सीयूईटी :-नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के आयोजन के बाद जल्द ही सभी विषयों की आंसर-की जारी कर दी जाएगी। आंसर-की के जरिए स्टूडेंट्स को अपने संभावित अंकों का पता चल पाएगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन
पिछले साल के रिजल्ट का एनालिसिस करने पर सामने आया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कोर्सेज में शामिल बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 96 पसेंटाइल के करीब रह सकती है। वहीं इकोनॉमिक्स ऑनर्स का कट ऑफ पसेंटाइल 96 से 97 और पॉलिटिकल साइंस का कट ऑफ 95 से 97 रह सकता है।
सबसे अधिक करीब 70 हजार सीटें डीयू में, अब जल्द जारी की जाएगी परीक्षा की आंसर-की
दिल्ली यूनिवर्सिटी सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में हैं। रिजल्ट के बाद यूनिवर्सिटी काउंसलिंग के लिए अपना पोर्टल ओपन करेगी। अपने पसेंटाइल के आधार पर सही विषय का चयन करके छात्रों को अच्छा कॉलेज मिल सकता है। सभी यूनिवर्सिटी काउंसलिंग अलग-अलग होगी। – परेश गप्ता, सीफांटी, एक्सपर्ट
सीयूईटी : 95 पर्सेटाइल पर मिल सकते हैं नॉर्थ कैंपस के कॉलेज
अच्छा पसेंटाइल हासिल करने वाले छात्रों को बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक्स ऑनर्स और पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स में दाखिला मिलने की पूरी संभावनाएं है। डीयू के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, लेडी श्री राम कॉलेज, हिंदू कॉलेज और किरोड़ीमल कॉलेज नॉर्थ कैंपस के प्रमुख कॉलेजों में से एक है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के 65 कॉलेजों को मिलाकर लगभग 70000 सीट्स हैं। उधर, देश के 49 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 32 स्टेट यूनिवर्सिटी में सीयूईटी के स्कोर पर दाखिला मिलेगा। इसके साथ डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के नंबरों पर दाखिला देगी।
यूनिवर्सिटी पात्रता पर निर्भर रहेगा स्टूडेंटस का एडमिशन
कॉलेजों में दाखिले के लिए यूनिवर्सिटी अपनी पात्रता भी रखती है। कुछ यूनिवर्सिटी 12वीं के अंकों का वेटेज तय करके फाइनल मेरिट बनाती है। कुछ कॉलेजों में सीयूईटी के बाद इंटरव्यू भी आयोजित किए जाते हैं। सीयूईटी के बाद यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर ही काउंसलिंग आयोजित करती है। जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे संस्थान खुद का एंट्रेंस लेने के साथ सीयूईटी के अंकों पर प्रवेश देता है। विवि की पात्रता पूरी नहीं करने पर छात्रों को बाहर भी किया जा सकता है।
नॉर्मलाइज्ड किया जाएगा परीक्षा के मार्क्स को
इस साल स्कोर पसेंटाइल में जारी किया जाएगा। यानी स्कोर कार्ड नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस के आधार पर तैयार किए जाएंगे। कई विषयों के लिए सीयूईटी परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में हुई थी। हर शिफ्ट में प्रश्न अलग-अलग स्तर के होते हैं। सभी के लिए समानता बनाए रखना मुश्किल होता है। कठिनाई स्तर भी एक नहीं होता। इसलिए नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस इस्तेमाल किया जाता है। जेईई मेन में भी इसी प्रकार छात्रों की रैंक निकाली जाती है। इस साल संभवतः अंक जारी नहीं होंगे।
240 संस्थानों में सीयूटी के स्कोर पर दाखिला
- परीक्षा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यूजी
- परीक्षार्थी करीब 13 लाख
- कुल संस्थान 240
- कुल पेपर 37
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